Nidhi Saxena

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सुलगते अल्फाज


जिंदगी मेरी या मेरे अपनो की ।🙄🙄🙄🙄

मेरे भी कुछ अरमान थे ।
जिनकी एक दुनिया दिल में बसाई थी ।
सोचा था अच्छे से पढ़ाई पूरी कर एक अध्यापिका बनूंगी ।👩‍🏫

लेकिन अरमान कहां किसी के पूरे हुए है ।
कहां दिल में बसी दुनिया सच हुई है ।👩‍🎓
हमारी भी ना हुई , और घर की जिम्मेदारी की बेड़ियां पैरो में बांध दी गई ।🙋

अब तो पढ़ाई भी औपचारिकता के रूप में पूरी हुई ।
जब अपने अरमान पूरे करने के लिए घर पर ही एक कदम उठाया और घर से ही ट्यूशन पढ़ाने शुरू किए ,
तब फिर से बेड़ियां पैरो में बांधी गई ।

लेकिन अब वह बेड़ियां शादी की थी ।

कहां अरमान पूरे हुए ।
शादी से भी कुछ अरमान सजाए ।
लेकिन अरमान कहां किसी के पूरे हुए ।🙄🙄🙄
जब जब अरमान सजाए गए , तब भी पैर बेड़ियों से बांधे गए ।

क्या हुआ आगे शादी में????

क्यों नही शादी से भी अरमान पूरे ना हुए ?????🤔🤔🤔

अगला भाग जल्द ही आपके समक्ष रखूंगी 🙏🙏🙏🙏
क्या आप सभी जानना चाहेंगे??????

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8 Comments

Punam verma

24-Nov-2022 03:02 PM

Very nice

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Abhinav ji

24-Nov-2022 08:55 AM

Very nice👍 ham jarur jaan na chahte hain

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shweta soni

23-Nov-2022 07:01 PM

जी बिल्कुल जानना चाहेंगे 👌👌

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